Anand’s Column

Anand Patwardhan has a passion to write on various topics.

Here is a collection of write ups originally written by him.

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  1. लोगो से अपनी अपेक्षाओं का बोझ कम होते ही, सुखों का वजन बढ़ने लगता हैं.

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2. “Reaction” to an incidence decide it’s consequences.

किसी घटना पर हमारी “प्रतिक्रिया”, उसका अंजाम तय करती है.

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3. हज़ारों ख़्वाहिशें लेकर चला था मुसाफिर

दिल में अरमान, सपने खुशिओं के ..!!

हुई मुलाकात एक दिन रब से

कहा उसने, ऐ मुसाफिर ..!!

तू मेरी ख्वाहिश पूरी करता चला जा

बस फिर, तेरी सारी ख़्वाहिशें, होगी मेरी ..!!

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4. परिस्थितियां कभी सही या गलत नहीं होती. ये तो उन्हें देखने का दृष्टिकोण तय करता है

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5. To study is, knowing mother nature. The more we study, the more we get closer to the nature.

पढ़ाई, प्रकृति का अध्ययन है. जितना मन लगा के पढ़ेंगे, उतना ही प्रकृति के निकट पाएंगे.

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6. Every moment of life, teach us something. Only those who follow its learning, becomes happy and successful.

जीवन का प्रत्येक क्षण, कुछ ना कुछ सीखा के जाता है. इस सीख को आत्मसात करने वाला ही, सुखी और सफल होता है.

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7. बाज़ारू मुखवटे

आया था कोरे कागज जैसा
क्या पता था मुखवटे होंगे रोज़ बदलने
कभी आदमी के हिसाब से कभी जरूरतों के

कभी लगा लेता हु मुखवटा
मासूमियत का जब होता हु गलत
या फिर मुखवटा चालाकी का
जब हो करवाना कुछ काम

मुखवटे, कभी आँसूभरे कभी हँसाते
कभी शांत कभी गुस्सैल
कभी ख़ुशी कभी गम
मुखवटो से , तंग आ गया हु अब
नहीं बदले जाते अब हर पल कभी
आदमी के हिसाब से तो कभी जरूरतों के

बाज़ारू मुखवटे, उतारने पड़ेंगे जाते वक़्त
फिर वही असली कोरा कागज होगा
बिलकुल साफ़, कुछ नया लिखने के लिए

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8. Focus on learning, gaining knowledge and the marks will be by product of the process. If one focus on just marks, he/she will neither learn nor get marks

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9. नाउम्मीदों से भी उम्मीद न छोड़ ऐ इंसान
बदलती हवाएँ भी कश्ती बचाने का दम रखती है ..!!

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10. आभार किती रे तुझे देवा

कृतज्ञ झालों मी मनुष्य जन्मी

जितके पहावे, ऐकावे, स्मरावे

तुझी ही सृष्टि रचना

तितके मन भरुनी जाते आनन्दानी

विसर न होवो कधीच तुझा

सार्थ जन्मी असू दे या देहा

वेदना आणि आनंद दिले पुरेपूर

दगडाचा तू सोना केल्या माझा

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11. बुलंद इरादे अटल हौसला और समर्पण

हाथ बढे, हिम्मत जुटी
कारवा बढ़ता चला गया

भय नहीं हमें, नहीं डर किसीका
निरंतर लक्ष्य ही है ध्येय हमारा

असफलता और निराशा, अंधेरो की तरह
मिट जायेंगे, सूरज के तेजोमय उजाले से

जब हो ईश्वरीय शक्ति हमारे साथ
हमे तो सिर्फ चलना है, चल रहे है

चलते ही जाना है

निरंतर लक्ष्य की ओर….

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12. The energy of the entire universe is neutral and is meant only for its smooth operation. Negative or positive energy is its mere manipulation done according to one’s need.

ब्रम्हांड की सारी ऊर्जा सिर्फ उसके सुचारू संचलन के लिए है. नकारात्मक या सकारात्मक ऊर्जा, केवल आवश्यकता अनुसार उसके विभिन्न उपयोग है.

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13. ईश्वरीय CCTV camera हमेशा ऑन रहता है. इंसान चाहे लाख छुपा ले, उसके सारे अच्छे/बुरे कर्म, ईश्वरीय CCTV फुटेज में कैद होते है.

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14. Teachers are messenger of mother nature.

शिक्षक, प्रकृति के संदेश वाहक है.

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15. Education is to know mother nature. Whatever we learn at school/college is ultimately knowing various rules and aspects of nature which governs the functioning of entire universe.

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16. Make your passion as career. Your job will then become your passion.

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